AICTE ने नए दिशानिर्देश जारी किए, भारत में उच्च शिक्षा का परिदृश्य बदल दिया
नई दिल्ली, 9 दिसंबर, 2024: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने 9 दिसंबर, 2024 को “नए दिशानिर्देश” जारी किए हैं, जो भारत में उच्च शिक्षा के परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए निर्धारित हैं।
दिशानिर्देशों का उद्देश्य
AICTE के ये नए दिशानिर्देश निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार किए गए हैं:
- उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना
- सभी छात्रों के लिए शिक्षा तक पहुंच में सुधार करना
- रोजगार योग्यता और उद्योग प्रासंगिकता को बढ़ाना
- अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना
दिशानिर्देशों की प्रमुख विशेषताएं
दिशानिर्देशों में कई प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नया पाठ्यक्रम ढांचा: AICTE ने सभी इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यक्रमों के लिए एक नया पाठ्यक्रम ढांचा तैयार किया है, जो उद्योग की जरूरतों के साथ बेहतर ढंग से संरेखित है।
- लचीला शिक्षा मॉडल: दिशानिर्देश संस्थानों को लचीले शिक्षा मॉडल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जैसे कि ऑनलाइन सीखना, सम्मिश्रण सीखना और दूरस्थ शिक्षा।
- शोध और नवाचार पर जोर: दिशानिर्देश अनुसंधान और नवाचार पर जोर देते हैं, जिसमें संस्थानों को छात्रों के लिए उन्नत अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
- संकाय विकास: दिशानिर्देश संकाय विकास पर जोर देते हैं, जिसमें संकाय सदस्यों को नियमित रूप से प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों से गुजरना आवश्यक होता है।
- उद्योग-शैक्षणिक सहयोग: दिशानिर्देश उद्योग-शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं, जिसमें संस्थानों को उद्योग भागीदारों के साथ साझेदारी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
दिशानिर्देशों का प्रभाव
AICTE के नए दिशानिर्देश भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की उम्मीद है। इनके कुछ संभावित प्रभावों में शामिल हैं:
- बढ़ी हुई गुणवत्ता: नया पाठ्यक्रम ढांचा और लचीला शिक्षा मॉडल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने की उम्मीद है।
- बेहतर रोजगार योग्यता: उद्योग प्रासंगिक पाठ्यक्रम और उद्योग-शैक्षणिक सहयोग छात्रों की रोजगार योग्यता में वृद्धि करेंगे।
- अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा: अनुसंधान और नवाचार पर जोर भारत को नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास का एक वैश्विक केंद्र बनने में मदद करेगा।
- सभी के लिए शिक्षा: लचीले शिक्षा मॉडल और संकाय विकास के लिए अधिक अवसर सभी छात्रों के लिए शिक्षा तक पहुंच में सुधार करेंगे।
भारत के माननीय शिक्षा मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिशानिर्देशों को “भारतीय उच्च शिक्षा के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया है। उन्होंने कहा कि ये “हमारे छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार होने में मदद करेंगे और उन्हें वैश्विक कार्यबल में प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।”
एआई ने खबर दी है।
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