वैश्विक और भारतीयों के लिए पवित्र कुंभ मेला 2025 में शुरू होगा
भारत, हरिद्वार, 12 जनवरी, 2025: पवित्र कुंभ मेला, यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा है, जो 2025 में भारत के हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। यह धार्मिक आयोजन 14 जनवरी, 2025 से शुरू होगा और 27 अप्रैल, 2025 तक चलेगा।
कुंभ मेला का महत्व
हिंदू धर्म में, कुंभ मेला एक पवित्र त्योहार है जो हर 12 साल में चार अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाता है: हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक। माना जाता है कि कुंभ का जश्न उस समय से मनाया जाता है जब देवताओं और राक्षसों ने अमृत (अमरता का अमृत) प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था।
ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर हर बार अलग-अलग तिथियों में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। इस बार, यह मेला मकर संक्रांति पर शुरू होगा, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है।
कुंभ मेले का आयोजन
कुंभ मेला का आयोजन विशाल पैमाने पर किया जाता है, जिसमें हरिद्वार शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। तीर्थयात्री देश और दुनिया भर से गंगा नदी में पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं, यह मानते हुए कि यह उनके पापों को धो देगा और उन्हें मोक्ष दिलाएगा।
मेले के दौरान, कई आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें प्रवचन, मंत्रोच्चार और भजन शामिल हैं। साधुओं (विरक्त संतों) के विशाल जुलूस हरिद्वार की सड़कों से गुजरते हैं, और श्रद्धालु उनके आशीर्वाद की तलाश करते हैं।
कोविड-19 महामारी के बाद पहला कुंभ मेला
2025 का कुंभ मेला कोविड-19 महामारी के बाद पहला होगा। पिछले दो कुंभ मेले – 2021 में हरिद्वार और 2022 में प्रयागराज – महामारी के कारण सीमित तरीके से आयोजित किए गए थे।
इसलिए, 2025 का कुंभ मेला श्रद्धालुओं के लिए बड़े उत्सव और भक्ति का एक अवसर होगा। भारतीय और विदेशी पर्यटक भी इस पवित्र आयोजन का अनुभव करने और इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि को देखने के लिए उत्सुक हैं।
आयोजन की तैयारी
भारत सरकार और हरिद्वार प्रशासन ने पहले से ही कुंभ मेले की तैयारी शुरू कर दी है। बुनियादी ढांचे के उन्नयन, परिवहन की व्यवस्था और तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जा रहा है।
सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है कि मेला पर्यावरण के अनुकूल तरीके से आयोजित किया जाए। स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाएगा, जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग और भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का उपयोग।
निष्कर्ष
2025 कुंभ मेला वैश्विक और भारतीयों दोनों के लिए एक बहुप्रतीक्षित और पवित्र आयोजन होगा। लाखों श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में स्नान करने और आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए हरिद्वार आएंगे। यह विश्वास और भक्ति का एक समारोह होगा, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करेगा।
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