तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क, UK National Cyber Security Centre


निश्चित रूप से! यहाँ UK National Cyber Security Centre (NCSC) के लेख “तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क” के बारे में एक विस्तृत लेख दिया गया है, जिसका उल्लेख आपने किया था, साथ ही इसकी प्रासंगिकता और पासवर्ड सुरक्षा के लिए निहितार्थों के बारे में अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

शीर्षक: “तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क: आधुनिक युग में पासवर्ड सुरक्षा”

परिचय:

जैसे-जैसे डिजिटल खतरे अधिक परिष्कृत होते जाते हैं, ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत और यादगार पासवर्ड की आवश्यकता सर्वोपरि होती जाती है। UK National Cyber Security Centre (NCSC) हमेशा से ही प्रभावी पासवर्ड सुरक्षा पर मार्गदर्शन का एक अग्रणी स्रोत रहा है। उनके 13 मार्च, 2025 के ब्लॉग पोस्ट, “तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क” में, NCSC ने एक बार फिर पासवर्ड बनाने के लिए एक सरल, प्रभावी रणनीति की वकालत की: तीन यादृच्छिक शब्द चुनना। यह लेख इस दृष्टिकोण के तर्क का पता लगाएगा, इसके फायदे और नुकसान की जाँच करेगा और ऑनलाइन सुरक्षा के लिए निहितार्थों पर विचार करेगा।

NCSC की सिफारिश:

NCSC का प्रस्ताव है कि लोगों को अपने पासवर्ड बनाने के लिए तीन असंबंधित, यादृच्छिक शब्दों का उपयोग करना चाहिए। यह विधि विशेष रूप से वर्णों को याद रखने की जटिलता से बचने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो सामान्य पासवर्ड आदतों को ध्यान में रखते हुए एक अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और सुरक्षित विकल्प प्रदान करती है।

तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क:

  • लंबाई मामले: तीन यादृच्छिक शब्द चुनने से, परिणामी पासवर्ड काफी लंबा होगा। लंबाई एक पासवर्ड की ताकत का एक महत्वपूर्ण कारक है क्योंकि इससे इसे तोड़ना हैकर्स के लिए काफी मुश्किल हो जाता है।
  • अनुमान लगाने की कठिनाई: यादृच्छिक शब्दकोश से असंबंधित शब्दकोश शब्दों का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि पासवर्ड को शब्दकोश हमलों या सामान्य पासवर्ड पैटर्न का उपयोग करके आसानी से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
  • स्मरण क्षमता: तीन असंबंधित शब्दों की एक श्रृंखला एक यादृश्य पासवर्ड की तुलना में याद रखना आसान है जिसमें जटिल प्रतीकों और संख्याओं का एक यादृच्छिक मिश्रण होता है। स्मरण क्षमता महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उपयोगकर्ता अपने पासवर्ड भूलने और असुरक्षित विकल्पों का सहारा लेने की संभावना कम हो जाती है।

पासवर्ड सुरक्षा का विज्ञान:

NCSC की सिफारिश पासवर्ड सुरक्षा के मूल सिद्धांतों के अनुरूप है:

  • एंट्रॉपी: पासवर्ड में संभावित पात्रों और लंबाई की संख्या से मापी जाती है। तीन यादृच्छिक शब्द काफी एंट्रॉपी प्रदान करते हैं, जो इसे क्रूर-बल हमलों के लिए प्रतिरोधी बनाता है।
  • मनोवैज्ञानिक कारक: मानव स्मृति और व्यवहार को समझना। जटिल पासवर्ड के बजाय याद रखने में आसान वाक्यांशों का उपयोग करते हुए उपयोगकर्ता को अपनाए जाने की अधिक संभावना है और इस प्रकार सुरक्षा में सुधार होता है।

लाभ:

तीन यादृच्छिक शब्दों के उपयोग से कई लाभ होते हैं:

  • बढ़ी हुई सुरक्षा: काफी एंट्रॉपी का उत्पादन करता है, इसे क्रूर-बल हमलों के लिए प्रतिरोधी बनाता है।
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल: संख्याओं और प्रतीकों के यादृच्छिक स्ट्रिंग की तुलना में याद रखना और टाइप करना आसान है।
  • अडॉप्टेबिलिटी: उपयोगकर्ताओं को अलग-अलग आवश्यकताओं के लिए भिन्नता बनाने या शब्दों को बदलने की अनुमति देता है।

नुकसान:

इस पद्धति के अपने लाभ हैं, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए:

  • अनुमान लगाने के लिए संवेदनशीलता: हालांकि यादृच्छिक, यदि शब्दों का चयन किसी उपयोगकर्ता के बारे में ज्ञात जानकारी पर आधारित है या यदि वे सामान्य वाक्यांश हैं, तो पासवर्ड की प्रभावशीलता कम हो सकती है।
  • अकेलापन का जोखिम: कई खातों में एक ही मूल वाक्यांश का पुन: उपयोग करना, केवल मामूली बदलाव के साथ, यदि हमलावर एक को तोड़ता है तो सभी को खतरे में डाल सकता है।

सर्वोत्तम अभ्यास:

तीन यादृच्छिक शब्द विधि का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, निम्नलिखित सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार करें:

  • यादृच्छिक चुनें: अनुमान लगाने के लिए कठिनाई बढ़ाने के लिए असंबंधित, सामान्य शब्दकोश से शब्दों का चयन करें।
  • भिन्नता का परिचय दें: खाते की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए प्रत्येक पासवर्ड को अद्वितीय बनाने के लिए शब्दों को थोड़ा बदलें या अतिरिक्त वर्ण जोड़ें।
  • पासवर्ड प्रबंधकों का उपयोग करें: विभिन्न खातों के लिए मजबूत, अद्वितीय पासवर्ड उत्पन्न और संग्रहीत करने के लिए पासवर्ड प्रबंधकों का उपयोग करने पर विचार करें।
  • बहु-कारक प्रमाणीकरण को सक्षम करें: सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ने के लिए जहां भी संभव हो बहु-कारक प्रमाणीकरण (MFA) को सक्षम करें।

भविष्य के रुझान:

डिजिटल खतरे के परिदृश्य के विकसित होने के साथ-साथ पासवर्ड सुरक्षा के तरीके भी विकसित होते हैं। NCSC का तीन यादृच्छिक शब्द दृष्टिकोण एक पासवर्ड सुरक्षा का व्यावहारिक, उपयोगकर्ता के अनुकूल समाधान प्रदान करता है, सुरक्षा बढ़ाने में लंबाई और स्मरण क्षमता के महत्व पर प्रकाश डालता है। जैसे-जैसे पासवर्ड-कम प्रमाणीकरण विधियों, जैसे बायोमेट्रिक्स और सुरक्षा कुंजी, को अधिक व्यापक रूप से अपनाया जाता है, इस तरह के पारंपरिक पासवर्ड विधियों की भूमिका कम हो सकती है। हालांकि, मजबूत पासवर्ड की आवश्यकता अभी भी आने वाले भविष्य के लिए प्रासंगिक रहेगी, और NCSC की सिफारिश एक मूल्यवान दिशा प्रदान करती है।

निष्कर्ष:

NCSC का “तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क” मजबूत पासवर्ड सुरक्षा के लिए एक व्यावहारिक, प्रासंगिक और प्रभावी सलाह है। लंबाई, यादृच्छिकता और स्मरण क्षमता पर जोर देकर, यह दृष्टिकोण व्यक्तियों को एक आधुनिक दुनिया में अपने ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए अधिक सुरक्षित पासवर्ड बनाने के लिए सशक्त बनाता है। किसी भी सुरक्षा उपाय की तरह, सावधानी, सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन और विकसित हो रहे खतरों के बारे में जागरूकता आवश्यक है। इन सिद्धांतों को अपनाकर, उपयोगकर्ता अपने डिजिटल जीवन को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।


तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क

एआई ने समाचार प्रस्तुत किया।

Google Gemini से उत्तर प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रश्न का उपयोग किया गया था:

2025-03-13 11:50 पर, ‘तीन यादृच्छिक शब्दों के पीछे का तर्क’ UK National Cyber Security Centre के अनुसार प्रकाशित किया गया था। कृपया इससे संबंधित जानकारी के साथ एक विस्तृत लेख लिखें।


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