लोहड़ी 2025: तिथि, महत्व और समारोह
भारतीय त्यौहारों में से एक, लोहड़ी को उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह सर्दियों के अंत और वसंत के आगमन का प्रतीक है। Google Trends के अनुसार, भारत में “लोहड़ी 2025” के लिए खोजों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
लोहड़ी 2025 की तिथि:
2025 में, लोहड़ी 13 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी। यह पवित्र माकर संक्रांति त्योहार से एक दिन पहले होता है।
लोहड़ी का महत्व:
लोहड़ी का त्योहार नई फसल के स्वागत और सर्दियों की कठोरता से राहत का प्रतीक है। यह किसानों द्वारा अपनी फसल का जश्न मनाने और भविष्य की समृद्धि के लिए प्रार्थना करने का समय है। यह बुराई और अंधेरे पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।
लोहड़ी समारोह:
- लोहड़ी की आग:
लोहड़ी का मुख्य समारोह एक पवित्र आग जलाना है, जिसे “लोहड़ी” कहा जाता है। आग के चारों ओर लोग इकट्ठा होते हैं और गाने, नृत्य और प्रसाद चढ़ाते हैं।
- तिल और गुड़:
लोहड़ी के उत्सव में तिल और गुड़ का विशेष महत्व है। घरों में इनसे बनी मिठाईयां तैयार की जाती हैं और आग में प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती हैं।
- नृत्य और संगीत:
लोहड़ी के मौके पर भांगड़ा, गिद्दा और अन्य पारंपरिक पंजाबी नृत्य किए जाते हैं। संगीत और नृत्य उत्सव का एक अभिन्न अंग है।
- उपहार और शुभकामनाएं:
लोहड़ी पर उपहार देना भी एक आम प्रथा है। लोग अपने प्रियजनों को नए कपड़े, मिठाई और नकदी उपहार देते हैं।
मकर संक्रांति से संबंध:
लोहड़ी मकर संक्रांति त्योहार से निकटता से जुड़ा हुआ है। मकर संक्रांति को सूर्य देवता के उत्तरायण, यानी उत्तर की ओर गति करने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
निष्कर्ष:
लोहड़ी 2025 एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो वसंत के आगमन, नई फसल के जश्न और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला एक त्योहार है, जो परिवारों और समुदायों को एक साथ लाता है। यदि आप इस त्योहार को अनुभव करना चाहते हैं, तो 13 जनवरी, 2025 को उत्सव में भाग लेने के लिए उत्तर भारत की यात्रा करना सुनिश्चित करें।
एआई ने खबर दी है।
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