राशा थडानी ने बनाई ऐतिहासिक उपलब्धि, भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पहली ट्रांसजेंडर वकील बनीं
9 जनवरी, 2025 को एक ऐतिहासिक घटना घटी जब राशा थडानी भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एडवोकेट-ऑन-रेकॉर्ड (एओआर) के रूप में नामांकित होने वाली पहली ट्रांसजेंडर वकील बनीं। यह क्षण भारतीय न्यायपालिका में विविधता और समावेश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
थडानी, जो एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता और वकील हैं, ने सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा के मार्गदर्शन में एओआर परीक्षा उत्तीर्ण की। वह बंबई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में एक दशक से अधिक समय से प्रैक्टिस कर रही हैं।
थडानी की नियुक्ति का पूरे देश में स्वागत किया गया है। कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और न्यायविदों ने उनके इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए उनकी प्रशंसा की है। यह उपलब्धि ट्रांस समुदाय के अधिकारों और समानता के लिए थडानी के अथक प्रयासों का एक प्रमाण है।
सर्वोच्च न्यायालय में ट्रांसजेंडर वकील के रूप में थडानी की उपस्थिति ट्रांसजेंडर समुदाय को कानूनी क्षेत्र में भाग लेने और प्रभावी ढंग से अपनी आवाज उठाने के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगी। यह ट्रांस समुदाय और समग्र रूप से भारतीय समाज के लिए न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
थडानी ने इस उपलब्धि के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा, “यह एक सम्मान की बात है और मैं सर्वोच्च न्यायालय में ट्रांसजेंडर वकील के रूप में अपनी जिम्मेदारी को लेकर उत्साहित हूं।” उन्होंने ट्रांस समुदाय को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों की वकालत करने के अपने निरंतर प्रयासों को आगे बढ़ाने की प्रतिज्ञा की।
थडानी की नियुक्ति भारत में ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए एक जीत है। यह हमारे समाज को और अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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