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वैकुंठ एकादशी 2025: तिथि, महत्व और उत्सव का समय
प्रस्तावना:
गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, भारत में “वैकुंठ एकादशी 2025” की खोज 9 जनवरी, 2025 को सुबह 2:10 बजे से प्रासंगिक हो रही है। वैकुंठ एकादशी हिंदुओं के लिए एक पवित्र त्योहार है, जो भगवान विष्णु की पूजा करने और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।
तिथि और समय:
वर्ष 2025 में वैकुंठ एकादशी 9 जनवरी, शुक्रवार को पड़ रही है।
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 8 जनवरी, गुरुवार को शाम 06:34 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 9 जनवरी, शुक्रवार को शाम 04:34 बजे
महत्व:
वैकुंठ एकादशी को मोक्ष प्राप्ति की एकादशी माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता है, वह उनके दिव्य निवास वैकुंठ में स्थान प्राप्त करता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन एकादशी व्रत करने से जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।
उत्सव का समय:
वैकुंठ एकादशी के दिन निम्नलिखित उत्सव पूरे भारत में आयोजित किए जाते हैं:
- स्नान: प्रातः काल पवित्र नदियों या तालाबों में स्नान करना शुभ माना जाता है।
- पूजा: भगवान विष्णु की पूजा तुलासी के पत्तों, फूलों और प्रसाद से की जाती है।
- व्रत: एकादशी को पूर्ण उपवास रखा जाता है, जिसमें पानी भी नहीं पिया जाता है।
- कीर्तन: भगवान विष्णु के भजनों और मंत्रों का जाप किया जाता है।
- रात्रि जागरण: कई लोग वैकुंठ एकादशी की रात को मंदिरों में रात्रि जागरण करते हैं, जो नाम संकीर्तन और कथा वाचन से भरा होता है।
निष्कर्ष:
वैकुंठ एकादशी भगवान विष्णु की कृपा पाने और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने का एक अनुकूल अवसर है। 2025 में, यह 9 जनवरी को मनाया जाएगा। इस पवित्र त्योहार को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने से भक्तों को आध्यात्मिक विकास और मोक्ष प्राप्ति की आशा प्राप्त होती है।
एआई ने खबर दी है।
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