आइकॉनिक अभिनेत्री शर्मिला टैगोर का निधन
8 दिसंबर, 2024
भारतीय सिनेमा का एक दिग्गज, शर्मिला टैगोर अब हमारे बीच नहीं हैं। 8 दिसंबर, 2024 को लंबी बीमारी से जूझने के बाद मुंबई में उनका निधन हो गया। वह 82 वर्ष की थीं।
प्रारंभिक जीवन और करियर
शर्मिला टैगोर का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पटियाला में 8 दिसंबर, 1942 को एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता गीतकार गीतकार जितेंद्रनाथ टैगोर और उनकी माता बैरिस्टर निदा भाटिया थे।
टैगोर ने अपने करियर की शुरुआत महज 13 साल की उम्र में बंगाली फिल्म “अपूर संसार” (1959) से की थी। उन्होंने सत्यजीत रे की क्लासिक “देवी” (1960) में एक युवा लड़की की शानदार भूमिका निभाई थी।
बॉलीवुड करियर
1964 में, टैगोर ने “कश्मीर की कली” के साथ बॉलीवुड में प्रवेश किया, जो एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। उन्होंने “आराधना” (1969), “अमर प्रेम” (1972) और “मृगया” (1976) जैसी कई प्रतिष्ठित फिल्मों में अभिनय किया।
टैगोर अपने अभिनय की बहुमुखी प्रतिभा और भावनात्मक गहराई के लिए जाने जाते थे। उन्होंने रोमांटिक हीरोइन से लेकर जटिल किरदारों तक की एक विस्तृत श्रृंखला निभाई।
पुरस्कार और सम्मान
टैगोर को उनके असाधारण अभिनय करियर के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। उन्हें दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दो फिल्मफेयर पुरस्कार और पदम भूषण से सम्मानित किया गया।
व्यक्तिगत जीवन
टैगोर ने 1968 में क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से विवाह किया। उनके दो बच्चे थे, सैफ अली खान और सोहा अली खान।
विरासत
शर्मिला टैगोर भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े आइकन में से एक थीं। उनकी फिल्मों ने देश भर में दर्शकों को प्रेरित और प्रसन्न किया है। उनकी विरासत हमेशा भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखेगी।
श्रद्धांजलि का प्रवाह
टैगोर के निधन की खबर से फिल्म उद्योग और देश भर के प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई प्रमुख हस्तियों ने उनके योगदान और विरासत को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
शर्मिला टैगोर की याद हमेशा भारतीय सिनेमा और उनके प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेगी। उनकी फिल्मों और अभिनय की शक्ति आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित और मनोरंजीत करती रहेगी।
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