सुब्रह्मण्य षष्ठी 2024: तिथि, पूजा विधि और महत्व
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सुब्रह्मण्य षष्ठी तिथि 2024
सुब्रह्मण्य षष्ठी प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में, यह त्योहार शनिवार, 13 नवंबर को पड़ेगा।
पूजा विधि
सुब्रह्मण्य षष्ठी का व्रत और पूजा करना शुभ माना जाता है। यहां इसकी विस्तृत पूजा विधि दी गई है:
- स्नान और वस्त्र: प्रातः स्नान करने के बाद, स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान तैयार करें: एक साफ जगह पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- कलश स्थापना: एक तांबे के कलश में शुद्ध जल भरें और उस पर नारियल और आम के पत्ते रखें।
- पूजा सामग्री: चंदन का लेप, फूल, धूप, दीपक, फल और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) तैयार करें।
- मंत्र: भगवान कार्तिकेय के मंत्र का जाप करें: “ॐ शरणं भजामि शक्तिसूतं, हरिहरपुत्रं, शिवसुतम, वेलमर्षिम, गुरुगुहं यथामति तथोपास्ये।”
- आरती और प्रसाद: भगवान कार्तिकेय की आरती उतारें और उन्हें प्रसाद चढ़ाएं।
महत्व
सुब्रह्मण्य षष्ठी की पूजा भगवान कार्तिकेय की स्मृति में की जाती है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। कार्तिकेय को युद्ध के देवता और बुरी शक्तियों के विनाशक के रूप में पूजा जाता है। इस त्योहार को मनाने से बुराइयों पर विजय, सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
उपवास नियम
जो लोग सुब्रह्मण्य षष्ठी का व्रत रखना चाहते हैं वे व्रत के दिन एक समय भोजन कर सकते हैं। व्रत के दौरान मांस, मछली, प्याज, लहसुन और शराब का सेवन निषिद्ध होता है।
उत्सव
सुब्रह्मण्य षष्ठी पूरे भारत में मनाई जाती है, जिसमें तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्य विशेष रूप से भव्य उत्सव आयोजित करते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा और हवन अनुष्ठान किए जाते हैं, और भक्त उपवास और प्रार्थना करते हैं।
एआई ने खबर दी है।
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